औरैया, 23 जुलाई 2025 —
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार, जनपद न्यायालय औरैया स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री मयंक चौहान के आदेशानुसार तथा अपर जिला जज/सचिव, श्री महेश कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
प्रशिक्षण में उपस्थित पराविधिक स्वयंसेवकों (पीएलवी) को श्री महेश कुमार द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987, नालसा विनियम और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि प्रत्येक नागरिक को निःशुल्क विधिक सहायता पाने का अधिकार है, और इसे विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से सुनिश्चित किया जाता है।
पैनल अधिवक्ता श्री रंजन त्रिपाठी ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 पर विस्तृत चर्चा की। वहीं, श्रीमती विनीता पांडेय, सदस्य स्थायी लोक अदालत ने पारिवारिक कानून, जैसे विवाह, भरण-पोषण, तलाक तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) एवं भारतीय नागरिक संहिता (BNSS) में महिलाओं व बच्चों से संबंधित प्रावधानों पर जानकारी दी।
सीएमओ कार्यालय से आए चिकित्सक ने मातृत्व लाभ अधिनियम और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (POSH) अधिनियम पर जानकारी दी। मुख्य एलएडीसी श्री जितेन्द्र तोमर ने जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम, बाल श्रम, बाल विवाह, एवं फैक्ट्री अधिनियम जैसे कानूनों पर चर्चा की।
महिला थाना से उपनिरीक्षक श्रीमती आशा किरण ने दहेज निषेध अधिनियम और घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कानूनी उपायों की जानकारी दी। अंत में, सचिव श्री महेश कुमार ने उपस्थित पीएलवी को जागरूकता अभियान, राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान, आशा ड्रेन डाउन, और साथी कैंपेन जैसे विभिन्न विधिक सेवाओं से जुड़ी पहलों के बारे में बताया और उन्हें निर्देशित किया कि वे इन जानकारियों को अपने क्षेत्रों में प्रचारित एवं प्रसारित करें।
इस अवसर पर कार्यालय प्रभारी श्री दिलीप कुमार सहित समस्त पराविधिक स्वयंसेवक उपस्थित रहे।