औरैया, 18 मार्च 2025: कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में गौवंश संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता श्री रमाकांत उपाध्यक्ष, मा० सदस्य उ० प्र० गौसेवा आयोग, लखनऊ ने की। बैठक में जनपद के गौआश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और उनके सुधार को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।
गौवंशों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश
श्री रमाकांत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौआश्रय स्थलों में गौवंशों के लिए समुचित चारे, स्वच्छ पेयजल, छाया, बैठने के लिए पर्याप्त स्थान और समय पर भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गौवंश भूखे या परेशान न रहें, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
बीमार और घायल गौवंशों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधा
उन्होंने निर्देश दिए कि गौवंशों का नियमित चिकित्सीय परीक्षण कराया जाए ताकि किसी प्रकार की बीमारी न फैले। यदि कोई गौवंश घायल होता है तो उसे तत्काल उचित इलाज मिले।
गौचर भूमि को कराया जाएगा कब्जा मुक्त
उन्होंने कहा कि गौवंशों के लिए हरा चारा उपलब्ध कराने हेतु जनपद की कब्जा युक्त गौचर भूमि को मुक्त कराकर हरा चारा बोया जाए ताकि गौवंशों को पर्याप्त पोषण मिल सके।
गौवंशों की जियो टैगिंग और टीकाकरण होगा अनिवार्य
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि गौशालाओं में संरक्षित सभी गौवंशों की सौ प्रतिशत जियो टैगिंग कराई जाए और समय-समय पर टीकाकरण अभियान चलाया जाए।
आवारा गौवंशों को पकड़कर गौशालाओं में भेजने का निर्देश
श्री रमाकांत ने कहा कि आवारा गौवंशों को कैटल कैचर के माध्यम से पकड़कर गौशालाओं में भेजा जाए ताकि किसानों की फसलों को नुकसान न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौशालाओं में संरक्षित गौवंशों की वास्तविक संख्या की रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत की जाए और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
गौवंश उत्पादों के प्रति जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गौवंशों के उत्पाद— दूध, घी, गौमूत्र और गोबर— की उपयोगिता के प्रति आमजन को जागरूक किया जाए ताकि लोग गौवंश पालन के प्रति रुचि लें। इसके लिए खंड विकास अधिकारियों और पशु चिकित्साधिकारियों को पंपलेट व अन्य प्रचार सामग्री के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए।
गौवंश संरक्षण से किसानों की आय में होगी वृद्धि
श्री रमाकांत ने कहा कि गौवंश संरक्षण से जल, जीवन और जमीन सुरक्षित होगी और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि गौपालकों को बायोगैस प्लांट आदि से जोड़कर लाभान्वित किया जाए जिससे उनकी गैस और उर्वरक संबंधी लागत में कमी आए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गौवंशों के लिए प्रतिदिन ₹50 प्रति गौवंश की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे किसान और आमजन गौवंश पालन कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
निर्देशों को प्रभावी रूप से लागू करने का आश्वासन
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) महेंद्र पाल सिंह ने बैठक में आश्वस्त किया कि दिए गए निर्देशों और सुझावों को सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन गौशालाओं को जल्द से जल्द पूर्ण कर आवारा गौवंशों के संरक्षण का कार्य तेज किया जाएगा।
बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, एलडीएम, खंड विकास अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, अधिशासी अधिकारी (नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत), समस्त विकास खंड स्तरीय पशु चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
विशेष: गौवंश संरक्षण एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें प्रशासन और आमजन की भागीदारी आवश्यक है। सही देखभाल और संरक्षण से न केवल गौवंशों का कल्याण होगा, बल्कि कृषि, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।