जिलाधिकारी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट स्थित मानस सभागार में मिशन ज्योतिर्गमय योजना के अंतर्गत चयनित विद्यालयों की भौतिक व शैक्षिक परिवेश को बेहतर बनाने हेतु किए गए कार्यों की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में जिले के प्रत्येक ब्लॉक से एक-एक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से अपने विद्यालय में किए गए प्रयासों की जानकारी प्रस्तुत की।
जिलाधिकारी ने कायाकल्प योजना के अंतर्गत निर्धारित 19 मानकों के अनुसार विद्यालयों में कराए गए कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने पाया कि कुछ विद्यालयों में अभी तक बाउंड्री निर्माण, शौचालयों में टाइल्स का कार्य तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं पूरी नहीं हुई हैं, जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि सभी लंबित कार्य 30 अप्रैल 2025 तक पूर्ण किए जाएं।
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने विद्यालयों में बच्चों के बैठने हेतु फर्नीचर की उपलब्धता की जानकारी ली और खंड विकास अधिकारियों एवं सचिवों को निर्देशित किया कि 30 अप्रैल तक सभी विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालयों में शौचालय, फर्श, बाउंड्री, फर्नीचर, पंखा जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपस्थिति अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
स्वच्छता एवं पेयजल व्यवस्था पर विशेष जोर
जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि विद्यालयों में सफाईकर्मियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, और लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर कठोर कार्यवाही की जाए। साथ ही, सभी विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल हेतु आरओ सिस्टम स्थापित करने के निर्देश भी दिए गए।
सभी बच्चों का नामांकन और स्किल मैपिंग सुनिश्चित करने के निर्देश
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विद्यालय में एक सूचना पट्ट लगाया जाए, जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा हो कि ग्राम पंचायत में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित (ड्रॉप आउट) नहीं है और सभी बच्चों का नामांकन हो चुका है। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने हेतु अभिभावकों से संवाद बनाए रखने का आग्रह किया।
इसके अतिरिक्त, बच्चों की बौद्धिक क्षमता एवं कौशल का मूल्यांकन (स्किल मैपिंग) कराने के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति नियमित बनी रहे।
शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालय विकास पर बल
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और विद्यालयों के समग्र विकास पर बल देते हुए अधिकारियों एवं शिक्षकों से अपेक्षा की कि वे पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करें, ताकि जिले का हर बच्चा बेहतर शिक्षा और सुविधाएं प्राप्त कर सके।
उपस्थित अधिकारीगण
इस बैठक में प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी / परियोजना निदेशक डीआरडीए मनीष कुमार मौर्य, डीआईओएस/डायट प्राचार्य गंगा सिंह राजपूत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजीव कुमार, समस्त खंड विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, मिशन ज्योतिर्गमय योजना के अंतर्गत चयनित विद्यालयों के शिक्षक, ग्राम प्रधान एवं सचिवगण उपस्थित रहे।