जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी एवं पुलिस अधीक्षक अभिजित आर. शंकर के कुशल मार्गदर्शन में युद्ध अथवा किसी भी आपातकालीन/संकट की स्थिति, विशेष रूप से ब्लैकआउट के दौरान, त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय की तैयारियों के उद्देश्य से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास गेल पाता प्लांट, गेल इंडिया लिमिटेड पाता एवं एनटीपीसी दिबियापुर में जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया।
मॉक ड्रिल की परिकल्पना के अनुसार, नेफ्ता गैस टैंकर एवं रासायनिक गैस टैंकर से रिसाव शुरू हुआ। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत गेल पाता प्लांट में इमरजेंसी साइरन बजाया गया। कुछ ही मिनटों में प्लांट की दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और तत्पश्चात एनटीपीसी से भी दमकल दल आग बुझाने के कार्य में जुट गया। पानी एवं फोम के माध्यम से आग पर नियंत्रण पाया गया और लीक अरेस्टिंग किट की सहायता से टैंकरों से हो रहे रिसाव को रोका गया।
इस मॉक ड्रिल में कुछ व्यक्ति “घायल” दिखाए गए, जिन्हें तत्परता से एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीणों एवं आस-पास के लोगों से माइक के माध्यम से अपील की गई कि वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, गैस चूल्हा तथा अन्य ज्वलनशील वस्तुएं तुरंत बंद कर दें।
ड्रिल के पश्चात एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमें उपस्थित अधिकारियों ने अनुभव साझा किए और भविष्य में इससे भी बेहतर समन्वय एवं कार्यशैली अपनाने के सुझाव प्रस्तुत किए। जिलाधिकारी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे अभ्यास आपसी समन्वय की शक्ति को उजागर करते हैं और संकट की स्थिति में बेहतर परिणाम सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर गेल पाता प्लांट का भ्रमण भी किया।
इस मॉक ड्रिल में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व महेंद्र पाल सिंह, अपर जिलाधिकारी न्यायिक नीरज प्रसाद, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार, गेल पाता के कार्यकारी निदेशक, मुख्य अग्निशमन अधिकारी तेजवीर सिंह, फायर सर्विस औरैया सहित अनेक पुलिसकर्मी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
क्या आप इस रिपोर्ट को न्यूज आर्टिकल के रूप में तैयार करवाना चाहेंगे?